मेरठ मेरा शहर है .यह जैसा भी है पर है पर है दिल के आसपास.इसे केन्द्र में रखकर लिखा तो एक किताब बनी -एक शहर किस्सों भरा .यह किताब गरियाई भी गई सराही भी गई .