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रविवार, 23 अक्टूबर 2011

दीपावली शुभ हो !

अजब मिज़ाज-ए-बगावत है, हम चरागों में,
किसी के हुक्म पे चलना हमें कबूल नहीं 
हवा के जुल्म से बुझना कबूल है हमको ,
हवा के हुक्म से जलना हमें कबूल नही.

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